A Secret Weapon For Shodashi

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

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Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra creates a spiritual protect all around devotees, safeguarding them from negativity and harmful influences. This mantra functions for a supply of security, supporting folks maintain a optimistic setting absolutely free from mental and spiritual disturbances.

कामाकर्षिणी Shodashi कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

Ignoring all caution, she went into the ceremony and located her father experienced began the ceremony without the need of her.

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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